Saturday, March 22, 2014

शहद का सेवन करने के नियम (Rules for Using Nectar(Honey))

शहद का सेवन करने के नियम -----
शहद कभी खराब नहीं होता . यह पका पकाया भोजन है और तुरंत ऊर्जा देने वाला है , पर इसे लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए |

- अमरुद , गाना , अंगूर और खट्टे फलों के साथ शहद अमृत के सामान है |

- चाय कॉफ़ी के साथ शहद ज़हर के सामान है |

- शहद को आग पर कभी ना तपाये |

- मांस -मछली के साथ शहद का सेवन ज़हर के सामान है |

- शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानि कारक है |

- चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत मेंज़हर मिलाने के सामान है |

- एक साथ अधिक मात्रा में शहद लेनासेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है .दिन में २ या ३ बार एक चम्मच शहद लें |

- घी , तेल , मक्खन में शहद ज़हर के सामान है |

- शहद खाने से कोई परेशानी महसूस हो तो निम्बू का सेवन करें |

- समान मात्रा में घी और शहद ज़हर होता है |

- अलग अलग वृक्षों पर लगे छत्तों में प्राप्त शहद के अलग अलग औषधीय गुण होंगे . जैसे नीम पर लगा शहद आँखों के लिए , जामुन का डायबिटीज़ और सहजन का ह्रदय , वात और रक्तचाप के लिए अच्छा होता है |

- शीतकाल या बसंतऋतु में विकसित वनस्पति के रस में से बना हुआ शहद उत्तम होता है और गरमी या बरसात में एकत्रित किया हुआ शहद इतना अच्छा नही होता है। गांव या नगर में मुहल्लों में बने हुए शहद के छत्तों की तुलना में वनों में बनें हुए छत्तों का शहद अधिक उत्तम माना जाता है।

- शहद पैदा करनें वाली मधुमक्खियों के भेद के अनुसार वनस्पतियों की विविधता केकारण शहद के गुण, स्वाद और रंग मेंअंतर पड़ता है।

- शहद सेवन करने के बाद गरम पानी भी नहीं पीना चाहिए।

- मोटापा दूर करने के लिए गुनगुने पानी में और दुबलापन दूर करने के लिए गुनगुने दूध के साथ ले |

- अधिक धुप में शहद ना दे . गरमी से पीड़ित व्यक्ति को गरम ऋतु में दिया हुआ शहद जहर की तरह कार्य करता है।

- शहद को जिस चीज के साथ लिया जाये उसी तरह के असर शहद में दिखाई देते है। जैसे गर्म चीज के साथ लें तो- गर्म प्रभाव और ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा असर दिखाई देता है। इसलिए मौसम के अनुसार वस्तुएं शहद के साथ ले |

- ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन करने से ज्यादा हानि होती है। इससे पेट में आमातिसार रोग पैदा हो जाता है और ज्यादा कष्ट देता है। इसका इलाज ज्यादा कठिन है। फिर भी यदि शहद के सेवन से कोई कठिनाई हो तो 1 ग्राम धनिया का चूर्ण सेवन करके ऊपर से बीस ग्राम अनार का सिरका पी लेना चाहिए।
-बच्चे बीस से पच्चीस ग्राम और बड़े चालीस से पचास ग्राम से अधिक शहद एक बार में न सेवन करें। लम्बे समय तक
अधिक मात्रा में शहद का सेवन न करें।

- चढ़ते हुए बुखार में दूध, घी, शहद का सेवन जहर के तरह है।

-यदि किसी व्यक्ति ने जहर या विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया हो उसे शहद खिलाने से जहर का प्रकोप एक-दम बढ़कर मौत तक हो सकती है।

Monday, March 17, 2014

Benefits of Drinking Water at Right Time


Drinking water at the correct time Maximizes its effectiveness on the Human body :

  1. 1 glass of water after waking up - helps activate internal organs
  2. 1 glass of water 30 minutes before a meal -helps digestion
  3. 1glass of water before taking a bath - helps lower blood pressure
  4. 1 glass of water before going to bed - avoids stroke or heart 

Please Share if u Care for others

pepsi और cocacola राजीव दीक्षित जी कि कलम से !

भारत मे जो सबसे ज्यादा विदेशी कंपनिया काम कर रही हैं वो अमेरिका से आई है !
उनमे से ए नाम है pepsi cola दूसरी का नाम है cocacola ! जिसको हम coke pepsi
भी कह देते है !, भारत मे बिकने वाले सॉफ्ट ड्रिंक क्षेत्र में अमेरिका की दो
कंपनियों का एकाधिकार है,!

| 1990 -91 में दोनों कंपनियों का संयुक्त रूप से जो विदेशी पूंजी निवेश था
भारत में, उसे सुन कर आश्चर्य करेंगे आप, दोनों ने मिलकर लगभग 10 करोड़ की
पूंजी लगाई थी भारत में, कुल जमा 10 करोड़ रुपया (डौलर नहीं) | अर्थशास्त्र की
भाषा में इसको Initial Paid-up Capital कहते हैं | मतलब शुरुवाती पूंजी ! वो
केवल 10 करोड़ कि है !

इन दोनों कंपनियों के कुल मिलाकर 64 कारखाने हैं पुरे भारत में ! और मैं जब उन
कारखानों में घुमा और इनके अधिकारियों से बात कर के जानकारी लेने की कोशिश की
!, क्योंकि इनके वेबसाइट पर इनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती है,
इन कंपनियों ने भारत के शेयर बाजार में भी अपनी लिस्टिंग नहीं कराई है, इनका
रजिस्ट्रेशन नहीं है हमारे यहाँ के शेयर मार्केट में | बॉम्बे स्टोक एक्सचेंज
(BSE) या NSE में जिन कंपनियों की लिस्टिंग नहीं होती उनके बारे में पता करना
या उनके आंकड़े मिलना एकदम असंभव होता है | listing होती तो SEBI (security
exchange board of INDIA) से सारी जानकारी मिल जाती !

इन कंपनियों के एक बोतल पेय की लागत मात्र 70 पैसे होती है, आप कहेंगे कि मुझे
कैसे मालूम ? भारत सरकार का एक विभाग है जिसका नाम है BICP, ब्यूरो ऑफ़
इंडस्ट्रियल कास्ट एंड प्राईसेस, यही वो विभाग है जिसे भारत में उत्पन्न होने
वाले हर औद्योगिक उत्पादन की लागत पता होती है, वहीं से मुझे ये जानकारी मिली
थी | आप हैरान हो जायेंगे ये जानकर कि 70 पैसे का जो ये लागत है इनका वो
एक्साइज ड्यूटी देने के बाद की है, यानि एक्स-फैक्ट्री कीमत है ये | अगर एक
बोतल 10 रुपया में बिक रहा है तो लगभग 1500% का लाभ ये कंपनी एक बोतल पर कमा
रही है 1500%!

और जब पेप्सी और कोका कोला के 64 कारखानों में होने वाले एक वर्ष के कुल
उत्पादन के बारे में पता किया तो पता चला कि ये दोनों कंपनियाँ एक वर्ष में
700 करोड़ बोतल तैयार कर के भारत के बाजार में बेंच देती हैं | और कम से कम 10
रूपये में एक बोतल वो बेचती हैं तो आप जोडिये कि हमारे देश का 7000 करोड़
रुपया लूटकर वो भारत से ले जाती हैं | और इस 7000 करोड़ रूपये की लुट होती है
एक ऐसे पानी को बेच कर जिसमे जहर ही जहर है, एक पैसे की न्यूट्रीशनल वैल्यू
नहीं है इसमे |

भारत के कई वैज्ञानिकों ने पेप्सी और कोका कोला पर रिसर्च करके बताया कि इसमें
मिलाते क्या हैं | पेप्सी और कोका कोला वालों से पूछिये तो वो बताते नहीं हैं,
कहते हैं कि ये फॉर्मूला टॉप सेक्रेट है, ये बताया नहीं जा सकता | लेकिन आज के
युग में कोई भी सेक्रेट को सेक्रेट बना के नहीं रखा जा सकता | तो उन्होंने
अध्ययन कर के बताया कि इसमें मिलाते क्या हैं, तो वैज्ञानिको का कहना है इसमे
कुल 21 तरह के जहरीले कैमिकल मिलाये जाते हैं !

कुछ नाम बताता हूँ !इसमें पहला जहर जो मिला होता है - सोडियम मोनो ग्लूटामेट,
और वैज्ञानिक कहते हैं कि ये कैंसर करने वाला रसायन है, फिर दूसरा जहर है -
पोटैसियम सोरबेट - ये भी कैंसर करने वाला है, तीसरा जहर है - ब्रोमिनेटेड
वेजिटेबल ऑइल (BVO) - ये भी कैंसर करता है | चौथा जहर है - मिथाइल बेन्जीन -
ये किडनी को ख़राब करता है, पाँचवा जहर है - सोडियम बेन्जोईट - ये मूत्र नली
का, लीवर का कैंसर करता है, फिर इसमें सबसे ख़राब जहर है - एंडोसल्फान - ये
कीड़े मारने के लिए खेतों में डाला जाता है और ऊपर से होता है ऐसे करते करते
इस में कुल 21 तरह के जहर मिलये जाते हैं !

ये 21 तरह के जहर तो एक तरफ है और हमारे देश के पढ़े लिखे लोगो के दिमाग का
हाल देखिये -बचपन से उन्हे किताबों मे पढ़ाया जाता है ! की मनुष्य को प्राण
वायु आक्सीजन अंदर लेनी चाहिए और कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकलनी चाहिए ये
जानने के बावजूद भी गट गट कर उसे पे रहे हैं !और पीते ही एक दम नाक मे जलन
होती और वो सीधा दिमाग तक जाती है !और फिर दूसरा घूट भरते है गट गट गट !

और हमारा दिमाग इतना गुलाम हो गया है ! आज हम किसी बिना coke pepsi के जहर के
किसी भी शादी विवाह पार्टी के बारे मे सोचते भी नही !कार्बन डाईऑक्साइड - जो
कि बहुत जहरीली गैस है और जिसको कभी भी शरीर के अन्दर नहीं ले जाना चाहिए और
इसीलिए इन कोल्ड ड्रिंक्स को "कार्बोनेटेड वाटर" कहा जाता है | और इन्ही जहरों
से भरे पेय का प्रचार भारत के क्रिकेटर और अभिनेता/अभिनेत्री करते हैं पैसे के
लालच में, उन्हें देश और देशवाशियों से प्यार होता तो ऐसा कभी नहीं करते |
पहले अमीर खान ये जहर बिकवाता था अब उसका भांजा बिकवाता है ! अमिताभ
बच्चन,शरूखान ,रितिक रोशन लगभग सबने इस कंपनी का जहर भारत मे बिकवाया है
!क्यूंकि इनके लिए देश से बड़ा पैसा है !

पूरी क्रिकेट टीम इस दोनों कंपनियो ने खरीद रखी है ! और हमारी क्रिकेट टीम की
कप्तान धोनी जब नय नय आये थे! तब मीडिया मे ऐसे खबरे आती थी ! जो 2 लीटर दूध
पीते हैं धोनी ! ये दूध पीकर धोनी बनने वाला धोनी आज पूरे भारत को पेप्सी का
जहर बेच रहा है ! और एक बात ध्यान दे जब भी क्रिकेट मैच की दौरान water break
होती है तब इनमे से कोई खिलाड़ी pepsi coke क्यूँ नहीं पीता ??? ?? क्यूँ कि
ये सब जानते है ये जहर है ! इन्हे बस ये देश वासियो को पिलाना है !

ज्यादातर लोगों से पूछिये कि "आप ये सब क्यों पीते हैं ?" तो कहते हैं कि "ये
बहुत अच्छी क्वालिटी का है" | अब पूछिये कि "अच्छी क्वालिटी का क्यों है" तो
कहते हैं कि "अमेरिका का है" | और ये उत्तर पढ़े-लिखे लोगों के होते हैं |

तो ऐसे लोगों को ये जानकारी दे दूँ कि अमेरिका की एक संस्था है FDA (Food and
Drug Administration) और भारत में भी ऐसी ही एक संस्था है, उन दोनों के
दस्तावेजों के आधार पर मैं बता रहा हूँ कि, अमेरिका में जो पेप्सी और कोका
कोला बिकता है और भारत में जो पेप्सी-कोक बिक रहा है, तो भारत में बिकने वाला
पेप्सी-कोक, अमेरिका में बिकने वाले पेप्सी-कोक से 40 गुना ज्यादा जहरीला होता
है, सुना आपने ? 40 गुना, मैं प्रतिशत की बात नहीं कर रहा हूँ | और हमारे शरीर
की एक क्षमता होती है जहर को बाहर निकालने की, और उस क्षमता से 400 गुना
ज्यादा जहरीला है, भारत में बिकने वाला पेप्सी और कोक | तो सोचिए बेचारी आपकी
किडनी का क्या हाल होता होगा !जहर को बाहर निकालने के लिए !ये है पेप्सी-कोक
की क्वालिटी, और वैज्ञानिकों का कहना है कि जो ये पेप्सी-कोक पिएगा उनको
कैंसर, डाईबिटिज, ओस्टियोपोरोसिस, ओस्टोपिनिया, मोटापा, दाँत गलने जैसी 48
बीमारियाँ होगी |

पेप्सी-कोक के बारे में आपको एक और जानकारी देता हूँ - स्वामी रामदेव जी इसे
टॉयलेट क्लीनर कहते हैं, आपने सुना होगा (ठंडा मतलब टाइलेट कालीनर )तो वो कोई
इसको मजाक में नहीं कहते या उपहास में नहीं कहते हैं,देश के पढ़े लिखे मूर्ख
लोग समझते है कि ये बात किसी ने ऐसे ही बना दी है !

इसके पीछे तथ्य है, ध्यान से पढ़े !तथ्य ये कि टॉयलेट क्लीनर harpic और
पेप्सी-कोक की Ph value एक ही है | मैं आपको सरल भाषा में समझाने का प्रयास
करता हूँ | Ph एक इकाई होती है जो acid की मात्रा बताने का काम करती है !और
उसे मापने के लिए Ph मीटर होता है | शुद्ध पानी का Ph सामान्यतः 7 होता है !
और (7 Ph) को सारी दुनिया में सामान्य माना जाता है, और जब पानी में आप
हाईड्रोक्लोरिक एसिड या सल्फ्यूरिक एसिड या फिर नाइट्रिक एसिड या कोई भी एसिड
मिलायेंगे तो Ph का वैल्यू 6 हो जायेगा, और ज्यादा एसिड मिलायेंगे तो ये
मात्रा 5 हो जाएगी, और ज्यादा मिलायेंगे तो ये मात्रा 4 हो जाएगी, ऐसे ही
करते-करते जितना acid आप मिलाते जाएंगे ये मात्रा कम होती जाती है | जब
पेप्सी-कोक के एसिड का जाँच किया गया तो पता चला कि वो 2.4 है और जो टॉयलेट
क्लीनर होता है उसका Ph और पेप्सी-कोक का Ph एक ही है, 2.4 का मतलब इतना ख़राब
जहर कि आप टॉयलेट में डालेंगे तो ये झकाझक सफ़ेद हो जायेगा | इस्तेमाल कर के
देखिएगा |

यहाँ क्लिक कर देखे !
https://www.youtube.com/watch?v=nE2wHrwhio8

और हम लोगो का हाल ये है ! घर मे मेहमान को आती ये जहर उसके आगे करते है !
दोस्तो हमारी महान भारतीय संस्कृति मे कहा गया है ! अतिथि देवो भव ! मेहमान
भगवान का रूप है ! और आप उसे टॉइलेट साफ पीला रहे हैं !!

अंत मे राजीव भाई कहते हैं ! कि देश का युवा वर्ग सबसे ज्यादा इस जहर को पीता
! और नपुंसकता कि बीमारी सबसे ज्यादा ये जहर पीकर हो रही है ! और कहीं न कहीं
मुझे लगता है ! ये pepsi coke पूरी देश पूरी जवान पीढ़ी को खत्म कर देगा ! इस
लिए हम सबको मिलकर स्कूलों कालेजो मे जा जा कर बच्चो को समझना चाहिए ! राजीव
भाई जा कहना है ! आप बस स्कूल कालेजो मे जाते ही उनके सामने इस pepsi coke से
वहाँ का टाइलेट साफ कर के दिखा दी जीए ! एक मिनट ही वो मान जाएंगे !

और बच्चे अगर मान गये तो उनके घर वाले खुद पर खुद मान जाएंगे ! वो एक कहावत
हैं न son is a father of father ! बच्चा बाप का बाप होता है ! तो बच्चो को
समझाये ! बच्चे ये जहर छोड़े बड़े छोड़े और इस दोनों अमेरीकन कंपनियो को
अपने देश भगाये ! जैसे हमने east india company को भगाया था !!

वन्देमातरम !!!!!!!!!!

राजीव भाई कहते हैं 1997 मे जब उन्होने पेप्सी और कोक के खिलाफ अभियान शुरू
किया था तो वो अकेले थे लेकिन आज भारत में 70 संस्थाएं हैं जो पेप्सी-कोक के
खिलाफ अभियान चला रहीं हैं, हम खुश हैं कि इनके बिक्री में कमी आयी है | और
इनकी 60 % sale कम हुये है ! 1997 मे ये दोनों कंपनिया कुल 700 करोड़ बोतल
बेचती थी ! और आज 50 करोड़ के लगभग बिकती है ! लेकिन दोस्तो यह भी बहुत ज्यादा
है ! लेकिन अगर हम सब संकल्प ये जहर न खुद पीये गे न किसी को पिलएंगे ! तो ये
50 करोड़ बोतले बिकनी भी बंद हो जायगी !और ये दोनों कंपनिया अपने देश अमेरिका
भाग जाएंगी !

वन्देमातरम !